संघ के उद्देश्य

जय आदियोगी

आदियोगी महासंघ उद्देश्य

राष्ट्रीयता एवं सनातन धर्म को महासंघ के माध्यम से विश्व, राष्ट्र, प्रदेश, क्षेत्र, जनपद, ग्राम पंचायत, वार्ड स्तर पर कार्य कर जन-जन तक पहुचाना
प्राचीन मंदिरों, शिवालयों का जीर्णोद्धार व संरक्षण प्रदान करना
पौराणिक धर्म ग्रंथों का संग्रह एवं संत सम्मेलन कराना
धर्मांतरण प्रतिबंध एवं सनातन धर्म की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता
प्रत्येक दिन सुबह 6 बजे योगशाखा लगाना
महाध्यान आरती - शाम 7 बजे, प्रतिदिन (सम्पूर्ण विश्व)
भागवत कथा, अनुष्ठान आदि के लिए योग्य आचार्य उपलब्ध कराना
सांस्कृतिक शिक्षा की एक राष्ट्रीय प्रणाली विकसित कराना
जनमानस को प्रतिदिन सुबह-शाम पूजा के लिए प्रेरित करना
12 ज्योतिर्लिंग, 4 शंकराचार्य मठ व सिद्ध शक्ति पीठों का महादर्शन
चलायमान गुरुकुलम व योग पद्धति शिविरो का दर्शन
माता-पिता व गुरु के प्रति सेवा-समर्पण एवं संस्कार को जागृत करना
गौ सेवा एवं गौ संरक्षण प्रदान करना (प्रथम रोटी गौ माँ)
नशा मुक्ति अभियान व डा० विशेषज्ञों द्वारा उपचार करना
जल बचाव, वृक्षारोपण एवं मृदा संरक्षण करना
क्रान्ति कारियों के जीवन गाथा से देश भक्ति की प्रेरणा जागृत कराना
मृदा मूर्ति विसर्जन प्रणाली के तहत खंडित मूर्ति विसर्जन कराना
समय-समय पर स्वास्थ एवं योग शिविर का आयोजन करना
अनाथों की सहायता एवं लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कराना